पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि इक्विटी शेयरों और कन्वर्टेबल्स के सार्वजनिक निर्गम में आवेदन करने वाले इंडिविजुअल इंवेस्टर्स पांच लाख रुपये तक की आवेदन राशि के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, उन्हें सिंडिकेट सदस्य, शेयर ब्रोकर, डिपॉजिटरी भागीदार और किसी निर्गम के पंजीयक तथा शेयर ट्रांसफर एजेंट के जरिये जमा किए गए बिड-कम-एप्लीकेशन फॉर्म में अपनी यूपीआई आईडी प्रदान करने के लिए कहा गया है।
1 मई 2022 से खुलने वाले सार्वजनिक निर्गमों के लिए नए दिशानिर्देश
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि 1 मई, 2022 को या उसके बाद खुलने वाले सार्वजनिक निर्गमों के लिए नए दिशानिर्देश लागू होंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने बढ़ी हुई यूपीआई सीमा के साथ आवेदनों के प्रसंस्करण की सुविधा की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि 30 मार्च 2022 तक 80 प्रतिशत से अधिक सेल्फ सर्टिफाइड सिंडिकेट बैंक (SCSBs)/स्पोंसर्स बैंक/यूपीआई ऐप ने अपने सिस्टम में बदलाव किए और एनपीसीआई प्रावधानों का अनुपालन किया है।
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इससे पहले दिसंबर 2021 में एनपीसीआई ने IPOs में अवरुद्ध राशि (ASBA) द्वारा समर्थित यूपीआई-आधारित एप्लिकेशन के लिए यूपीआई में प्रति लेनदेन की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी।
सेबी ने 3 संस्थाओं पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
इससे अलग, गैर-वास्तविक ट्रेड के मामलों में सेबी ने 3 संस्थाओं पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने मंगलवार को बीएसई पर गैर-वास्तविक स्टॉक विकल्पों में गैर-वास्तविक व्यापार में लिप्त होने के लिए तीन संस्थाओं पर कुल 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
तीन अलग-अलग आदेशों में नियामक ने अजय जैन, अभिनव शेठ एचयूएफ और अभिप्रीत सेठ एचयूएफ पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी द्वारा बीएसई पर स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में बड़े पैमाने पर रिवर्सल ट्रेड्स देखने के बाद यह आदेश दिए गए।