गोरखपुर, चौरी चौरा के डुमरी में रहने वाले डा. बीएन दास को जिला कारागार से रिहा हुए। 14 साल तक पत्नी की हत्या के आरोप में वह जेल रहे। जिला कोर्ट से उन्हें उम्र कैद की सजा मिली थी। हाईकोर्ट ने बेगुनाह बताते हुए रिहा करने का आदेश दिया था। सोमवार को रिहाई का आदेश पहुंचने पर वह जेल से बाहर आए।
यह है मामला
मूल रूप से बांसगांव के मामखोर निवासी डा. बीएन दास ने चौरी चौरा के डुमरी खुर्द में हास्पिटल चलाते थे। उन्होंने ब्रह्मपुर की रहने वाली चंद्रकला से दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी राजकुमारी देवी गांव पर रहती हैं जिनसे डाक्टर के पांच बच्चे हैं। चंद्रकला से भी उनके दो बच्चे हुए। वर्ष 2008 में चंद्रकला की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई।
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भाई ने लगाया था हत्या का आरोप
चंद्रकला के भाई मोनू ने डा. बीएन दास पर इंजेक्शन देकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए चौरी चौरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। वर्ष 2009 में लोवर कोर्ट ने डा. को हत्या में दोषी मानते हुए उम्रकैद और तीन हजार रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ डाक्टर ने हाईकोर्ट में अपील की और करीब 14 साल बाद बरी हो गए।
हत्या के प्रयास के आरोप में वांछित अभियुक्त गिरफ्तार : हत्या के प्रयास के आरोप में वांछित बदमाश को शाहपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया।दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया। प्रभारी निरीक्षक शाहपुर रणधीर मिश्रा ने बताया कि पादरी बाजार के जंगल हकीम नंबर एक निवासी नवनीत मिश्रा उर्फ लक्की के खिलाफ एक साल पहले हत्या का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
मुखबिर की सूचना पर शाहपुर थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक नजर इमाम ने आरोपित को कर्मा गैस एजेन्सी मोड़ के पास गिरफ्तार किया। आरोपित पर हत्या, हत्या के प्रयास व गैंगस्टर एक्ट के तीन मामले दर्ज हैं।