जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ही करौली और जोधपुर में हुए दंगों पर चिंता जताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही। कलराज मिश्र ने घटना से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में कानून व सुरक्षा व्यवस्था के ऐसे प्रबंध सभी स्तरों पर सुनिश्चित किए जाएं, जिससे ऐसी घटनाओं की कहीं और पुनरावृत्ति नहीं हो सके। इस दौरान विश्विद्यालयों में कुलपतियां की नियुक्ति और राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस के आयोजन को लेकर भी चर्चा हुई। कलराज मिश्र ने प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी, शिक्षण के अंतर्गत संवैधानिक जागरूकता के लिए भी निरंतर काम किए जाने की जरूरत बताई।
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गौरतलब है कि करौली, जोधपुर और फिर भीलवाड़ा में हुए दंगों की जांच के लिए सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया है। एसआइटी तीनों शहरों में दंगों से जुड़े प्रत्येक पहलू की जांच करेगी। जांच में यह भी शामिल होगा कि दंगे करवाने में कहीं बाहरी तत्वों का तो हाथ नहीं था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीजू जार्ज जोसेफ के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम तीनों शहरों का दौरा कर अब तक स्थानीय पुलिस द्वारा की गई जांच और पकड़े गए आरोपितों के बारे में भी जानकारी करेगी। पुलिस आयुक्त नवज्योति गोगई ने बताया कि अब तक 23 एफआइआर (प्राथमिकी सूचना रिपोर्ट) दर्ज हो चुकी है। शांति भंग करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 227 को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से अधिकांश को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। अब तक 23 दंगाइयों की पहचान कर नामजद मामले दर्ज किए गए हैं। तीन शहरों में दंगों की समानता की जांच होगी पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने एसआइटी गठित करने को लेकर आदेश जारी किए हैं। पुलिस की अब तक की जांच में माना जा रहा है कि तीनों शहरों में सोची-समझी साजिश के तहत कुछ तत्वों ने दंगे करवाए थे। इन तत्वों के बारे में अधिकारिक खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही किया जाएगा।