नैनीताल : अदभुत खगोलीय घटनाओं को लेकर 30 अप्रैल की रात खास होने जा रही है। हमारे सौरमंडल के दो खूबसूरत ग्रह शुक्र (वीनस) व बृहस्पति (जूपिटर) ग्रह का कंजक्सन यानी मिलन होगा। वहीं मंगल (मार्स) व शनि (सैटर्न) इनके करीब कतारबद्ध नजर आएंगे। इस दौरान आसमान की सुंदरता में चार चांद लगाने को चंद्रमा (मून) भी इनके करीब होगा। इन सभी ग्रहों को नग्न आंखों से देखा जा सकेगा।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि आकाश में दुर्लभ खगोलीय घटनाएं कभी कभार ही देखने को मिलती हैं। ऐसी ही एक दुर्लभ घटना 30 अप्रैल की रात से एक मई को सूर्योदय से पूर्व तक होने जा रही है। सूर्योदय से एक घंटा पहले शुक्र व बृहस्पति एक-दूसरे के बेहद नजदीक पहुंच जाएंगे। इस दौरान इन दोनों के बीच की दूरी आधा डिग्री से भी कम रह जाएगी।
इस खगोलीय घटना को कंजक्शन यानी आच्छादन कहते हैं। इससे पूर्व यह घटना 30 जून 2015 को हुई थी। करीब सात साल बाद पुन: यह दोनों ग्रह इतने करीब पहुंच रहे हैं। हालांकि ग्रहों का एक-दूसरे के करीब आने का सिलसिला साल में एक बार तो होता ही है, लेकिन अत्यंत नजदीक पहुंचना कई साल बाद होता है।
डा. पांडेय ने बताया कि शनि, मंगल, शुक्र व बृहस्पति 25 अप्रैल को एक सीध में आ चुके थे। ये एक मई तक लगभग एक सीध में ही रहेंगे। यह चारों उन ग्रहों में शामिल हैं, जिन्हें नग्न आंखों से देखा जा सकता है। जिस कारण विज्ञानियों समेत खगोल प्रेमियों की ऐसी घटनाओं का इंतजार रहता है।
30 अप्रैल की रात आसमान की खूबसूरती में लगेंगे चार चांद, शुक्र-बृहस्पति के साथ मंगल व शनि एक कतार में आएंगे नजर
अदभुत खगोलीय घटनाओं को लेकर 30 अप्रैल की रात खास होने जा रही है।
एक दुर्लभ घटना 30 अप्रैल की रात से एक मई को सूर्योदय से पूर्व तक होने जा रही है। सूर्योदय से एक घंटा पहले शुक्र व बृहस्पति एक-दूसरे के बेहद नजदीक पहुंच जाएंगे। इस दौरान इन दोनों के बीच की दूरी आधा डिग्री से भी कम रह जाएगी।
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इस खगोलीय घटना को कंजक्शन यानी आच्छादन कहते हैं। इससे पूर्व यह घटना 30 जून 2015 को हुई थी। करीब सात साल बाद पुन: यह दोनों ग्रह इतने करीब पहुंच रहे हैं। हालांकि ग्रहों का एक-दूसरे के करीब आने का सिलसिला साल में एक बार तो होता ही है, लेकिन अत्यंत नजदीक पहुंचना कई साल बाद होता है।
सूर्योदय से पूर्व देखें इस रोमांचक घटना को
डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार सौरमंडल के इन ग्रहों को सूर्योदय से एक घंटे पहले देखा जा सकता है। दक्षिण पूर्वी आसमान में चारों ग्रह लगभग एक सीध में नजर आएंगे। क्षितिज से कुछ ही ऊपर इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है।