इस साल गेहूं खरीद की स्थिति बेहद खराब है। किसान बाजार में गेहूं के दाम अधिक मिलने की वजह से सरकारी क्रय केंद्रों पर पहुंच ही नहीं रहे हैं। अब तक सिर्फ 33 किसान ही क्रय केंद्रों पर पहुंचे हैं जबकि इससे पहले गेहूं की तौल कराने के लिए किसान नेताओं से सिफारिश कराते थे। बिचौलिया सक्रिय होकर क्रय केंद्रों तक पहुंचते थे। इस बार क्रय केंद्र सूने पड़े हैं। प्रशासन ने अब गेहूं खरीद के लिए सभी ब्लाकों में मोबाइल टीमें बना दी हैं। मोबाइल टीमें गांव-गांव जाकर गेहूं की खरीद करने का काम करेंंगी। कहीं से भी एक ट्रक गेहूं बेचने की सूचना आने पर तुरंत टीम वहां पहुंचेगी।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी राजेश्वर सिंह ने बताया कि किसानों के लिए गेहूं खरीद केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं हैं। विपणन निरीक्षकों को अलर्ट रहने के लिए कह दिया गया है। कहीं से भी किसानों की सूचना आती है तो वे अपनी टीम लेकर गांव पहुंचेंगे। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
अनुमोदित क्रय केंद्रों की संख्या- 74
खरीद प्रारम्भ होने वाले केंद्र-17
गेहूं खरीद का लक्ष्य-76000 मैट्रिक टन
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कुल गेहूं की खरीद- 101.35 मैट्रिक टन
धान घोटाले में फंसे पूर्व डिप्टी आरएमओ
ब्लाक छजलैट के रायपुर खुर्द गांव के क्रय केंद्र पर धान खरीदकर बिना आनलाइन फीडिंग कराए मिलों को भेज देने के मामले में तत्कालीन केंद्र प्रभारी ऋषिराम के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में ऋषिराम अकेले ही दोषी नहीं है। पूर्व जिला खाद्य विपणन अधिकारी(डिप्टी आरएमओ) संजीव राय की भी भूमिका संदिग्ध है। एआर कोआपरेटिव जितेंद्र पाल सिंह के भी बयान दर्ज होंगे।
मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह ने इस मामले में तत्कालीन डिप्टी आरएमओ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र भी लिख दिया है। बता दें कि पिछले साल रायपुर खुर्द क्रय केंद्र पर 91 किसानों का धान खरीदे जाने के बाद अभी तक भुगतान नहीं मिल पाया है। केंद्र प्रभारी ने बिना आनलाइन फीडिंग कराए धान की मिलों को डिलीवरी कर दी थी।