लगभग ढाई सप्ताह से लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल ने दामों ने एक बार फिर पिछले वर्ष दिवाली की उच्चतम कीमतों को छू लिया है। डीजल तो दिवाली से भी महंगा हो गया है। वीरवार को महानगर में पेट्रोल 104.54 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिका, जबकि बीते वर्ष 4 नवंबर को महानगर में पेट्रोल की कीमत 104.99 रुपए प्रति लीटर थी। डीजल तो दिवाली की कीमतों से भी लगभग 5 रुपए प्रति लीटर महंगा नजर आ रहा है। वीरवार को महानगर में डीजल 93.23 रुपये में बिका, जबकि बीते वर्ष 4 नवंबर को महानगर में डीजल की कीमत 88.74 रुपये प्रति लीटर थी।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती हुई कीमतों से उपभोक्ताओं के अलावा पेट्रोलियम डीलर भी पूरी तरह से परेशान नजर आ रहे हैं। पेट्रोलियम डीलर्स के परेशान होने की मुख्य वजह यह है कि गेहूं की कटाई का सीजन लगभग शुरू हो चुका है और पेट्रोलियम डीलर्स को किसानों को उधार में डीजल बेचना पड़ रहा है। डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होता जा रहा है, जिस वजह से पेट्रोलियम डीलर्स के समक्ष पूंजी की भारी समस्या खड़ी होनी शुरू हो गई है। पेट्रोलियम डीलर्स को एडवांस पेमेंट देकर पेट्रोल डीजल की खरीद करनी पड़ती है, जबकि रोजाना महंगी कीमत पर तेल खरीदना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें : आरेंज कैप की लिस्ट में राजस्थान के बल्लेबाज जोस बटलर शीर्ष पर
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि कीमतें बढ़ने से तेल की बिक्री में गिरावट आ जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों के तेल खरीदने के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन कीमत बढ़ जाने से मात्रा में कमी आ गई है। पेट्रोलियम डीलर्स को मात्रा के ऊपर मार्जन मिलता है और मात्रा ही कम हो गई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ उधार माल बेचना पड़ रहा है। दूसरी तरफ बिक्री कम है और तीसरी तरफ एडवांस पेमेंट देकर माल खरीदना पड़ रहा है। डीलर अपना मार्जिन बढ़ाए जाने को लेकर पिछले कई सालों से मांग कर रहे हैं, लेकिन तेल कंपनियां डीलर मार्जिन भी नहीं बढ़ा रही हैं।