बेंगलुरु, कर्नाटक पुलिस भर्ती घोटाले में भाजपा नेता और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि अपराध जांच दल (सीआईडी) ने सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती परीक्षा घोटाले के सिलसिले में मुख्य आरोपी भाजपा नेता दिव्या हागरागी और चार अन्य को गिरफ्तार किया है। मामले में फरार दिव्या को गुरुवार रात पुणे से गिरफ्तार किया गया। कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा कि दिव्या की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि सरकार मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी। जहां तक पीएसआई घोटाले का संबंध है, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने पीएसआई भर्ती को रद कर दिया है। पीएसआई भर्ती के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा की तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी।
इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री पीएसआई घोटाले के मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पास बात करने के लिए कुछ नहीं है, हम जानते हैं कि कांग्रेस के शासन में क्या हुआ था, कई छात्रों ने आत्महत्या की और चार बार पेपर लीक होने के बाद मर गए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी अपनी पार्टी के दो किंगपिन घोटाले में पकड़े गए थे, उनका इस बारे में क्या कहना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने बोम्मई सरकार पर साथा था निशाना
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वहीं, इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को बोम्मई सरकार से मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और पीएसआई भर्ती परीक्षा घोटाले के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया, जो दूसरी पार्टियों के थे, जबकि एक ही पार्टी के लोग खुलेआम घूम रहे थे।
खड़गे ने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों। उन्हें गिरफ्तार करें और जांच करें। प्रशासन गिर रहा है, आपका सुशासन कहां है? खड़गे ने कहा कि प्रशासन चरमरा रहा है, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका अपना प्रशासन सुचारू रूप से चले। इस तरह की घटनाएं राज्य को शर्मसार करने के साथ-साथ छात्रों के भविष्य पर भी सवाल खड़ा करती हैं।
पूर्व मंत्री ने इस घोटाले में सरकार और गृह मंत्री के मिले होने का लगाया था आरोप
इस बीच, इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र से एक अन्य आरोपी रुद्रगौड़ा डी पाटिल को गिरफ्तार किया था। पीएसआई घोटाला मामला राज्य में पुलिस उपनिरीक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता से जुड़ा है। विधायक और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाया था कि 545 से अधिक उम्मीदवारों की पीएसआई भर्ती में बड़ा घोटाला हुआ है और इसमें सरकार और अधिकारियों के साथ गृह मंत्री स्पष्ट रूप से शामिल हैं।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि पीएसआई भर्ती घोटाले से जुड़ी हर चीज की गहन जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि उन्होंने सीआईडी को त्वरित और पारदर्शी जांच के निर्देश दिए हैं।