नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर किसानों के लिए एमएसपी का मुद्दा उठाया है। इस बार उन्होंने इसके लिए एक सर्वे रिपोर्ट का हवाला भी दिया है। कहा कि साल 2021 में 84 फीसद परिवारों की आय गिरी, 20 फीसद की तो आधी हो गई। मगर भारतीय अरबपतियों की आय दोगुना बढ़ गई है।
इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसी वजह से हर दिन 25 हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं और मजदूरी करके मजदूर बन रहे हैं। जब तक किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य(एमएसपी) नहीं मिलेगा तो किसानों का मजदूर बनने का सिलसिला जारी रहेगा। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि यदि सरकार एमएसपी की गारंटी नहीं करती है तो किसानों के पास सिर्फ एक रास्ता आंदोलन का ही बच जाता है। वो आंदोलन करके सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए बाध्य होंगे।
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राकेश टिकैत ने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट से इस संबंध में एक ट्वीट किया है। उनके इसी ट्वीट में ये सभी चीजें लिखी हुई हैं। ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि यदि किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं मिलेगी तो उनका यही हाल होना है। मालूम हो कि किसानों की समस्याओं को लेकर ही एक साल से अधिक समय तक किसान आंदोलन चला। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को बंद कर दिया था। एक साल के दौरान दिल्ली को करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
आंदोलन को खत्म करने के लिए आसपास के दुकानदारों ने भी प्रदर्शन किया मगर वो किसानों के प्रदर्शन और उनकी संख्या बल के सामने ठहर नहीं सके। आखिर में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वंय ही तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की घोषणा की उसके बाद ही आंदोलन खत्म हो पाया। उसके बाद अब भी राकेश टिकैत किसानों की उन बची हुई मांगों को लेकर कुछ न कुछ कहते रहते हैं।