नई दिल्ली, जून में बैंक लोन महंगा हो सकता है। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जून में अपनी रेपो दर बढ़ाएगा। यह बात रायटर्स के पोल में निकल कर आई है। पोल के मुताबिक इस बार रेपो दर में बढ़ोतरी पहले की तुलना में तेज गति से होगी क्योंकि मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी केंद्रीय बैंक पर तेजी से काम करने का दबाव बना रही है। बता दें कि मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर लगभग 7% हो गई, जबकि केंद्रीय बैंक ने 6% ऊपरी सीमा का अनुमान रखा था।
पोल के मुताबिक महंगाई दर संभावित रूप से वैश्विक ऊर्जा कीमतों में वृद्धि के कारण और बढ़ेगी क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से उपभोक्ता कीमतें बढ़ गई हैं। RBI मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी अप्रैल की बैठक में प्रमुख दर को रिकॉर्ड 4.0% पर बरकरार रखा। लेकिन मार्च की 17 महीने की उच्च मुद्रास्फीति दर से RBI की चिंता बढ़ गई है।
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2018 के बाद से आरबीआई के पहली बार रेपो दर बढ़ाने की उम्मीद
20 से 25 अप्रैल को हुए रायटर पोल में 46 अर्थशास्त्रियों में से तीन ने जून 2018 के बाद से आरबीआई के पहली बार रेपो दर बढ़ाने की उम्मीद की। जबकि 42 इकोनॉमिस्ट ने 25 बेसिस पॉइंट बढ़कर 4.25% करने की उम्मीद की है। केवल एक अर्थशास्त्री ने 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की।
आने वाली तिमाही में और बढ़ोतरी की उम्मीद
कुछ ही हफ्ते पहले एक चौथाई से भी कम अर्थशास्त्री जून में पहली बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। वे अगस्त में पहली दर वृद्धि की भविष्यवाणी कर रहे थे। बर्कले के चीफ इकोनॉमिस्ट राहुल बजोरिया ने कहा कि महंगाई की दर रिजर्व बैंक की चिंता बढ़ा रही है। इससे आने वाली तिमाही में और बढ़ोतरी की उम्मीद है, जो रेपो दर को 2022 के अंत और 2023 के अंत तक क्रमशः 4.75% और 5.25% तक ले पहुंचा देगा, जबकि पिछले सर्वेक्षण में यह 4.50% और 5.00% होने का अनुमान था।