लखनऊ: उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को हटाने का अभियान जारी है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लाउडस्पीकर पर रोक लगाने को लेकर कड़े आदेश जारी किए हैं। हाई कोर्ट के आदेश को पूरी तरह से लागू कराने की दिशा में प्रशासनिक महकमा लगा हुआ है। यूपी में लाउडस्पीकर के खिलाफ चल रहे अभियान के समर्थन में महाराष्ट्र से मनसे प्रमुख राज ठाकरे का समर्थन योगी आदित्यनाथ को मिल चुका है। लेकिन, पिछले दिनों इस अभियान पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए। अब शिवपाल यादव ने बहस को आगे बढ़ाया है। उन्होंने सवाल किया है कि इस फसाद की जड़ में आखिर कौन है?
शिवपाल यादव ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा है कि सैंकड़ों सालों से देश की गंगा-जमुनी तहजीब में भजन-कीर्तन, अजान और गुरुवाणी के स्वर सह अस्तित्व के साथ गूंजते रहे हैं। लाउडस्पीकर के आविष्कार के बहुत पहले से! किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। ईश्वर न तब बहरा था और न अब बहरा है। बुनियादी सवाल यह है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है? शिवपाल के बयान को कई एंगल से देखा जा रहा है। शिवपाल पर भाजपा के समर्थन का आरोप लगता है। इस बयान को शिवपाल विरोधी खेमा सरकार के अभियान को क्लीन चिट दिए जाने के रूप में दिखा रहा है। वहीं, दूसरा वर्ग इस बयान को सरकार के खिलाफ करार दे रहा है।
यह भी पढ़ें : श्रीलंका : अपने भाई महिंदा राजपक्षे को पीएम पद से हटाने के लिए राज़ी हुए राष्ट्रपति गोटबाया
शिवपाल के सवाल का अर्थ गहरा
शिवपाल यादव के सवाल का अर्थ काफी गहरा है। यूपी चुनाव का परिणाम आने के बाद से जिस प्रकार से देश में स्थिति बदली है, उसमें लाउडस्पीकर विवाद भी एक अहम मुद्दा है। पहले रामनवमी जुलूस पर पत्थरबाजी, फिर हनुमान जयंती जुलूस पर पत्थर फेंके जाने की घटना को यूपी में भाजपा की जीत से जोड़कर देखा गया। इन पत्थरबाजी के दौरान जिस प्रकार से लाउडस्पीकर से निर्देश जारी किए गए, उसके बाद महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक लाउस्पीकर बैन की मांग उठने लगी। योगी सरकार ने इस दिशा में कठोर कदम उठाया है। ऐसे में शिवपाल यादव के सवाल कि इस फसाद की जड़ कौन है? इसका जवाब मिलता दिखता है।
शिवपाल यादव ने देश में गंगा-जुमनी तहजीब की बात करके इस पूरे मामले को एक अलग रुख देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा भी है कि लाउडस्पीकर के आविष्कार से पहले से देश में सभी धर्म के लोग एक साथ रहते आए हैं। आपसी भाईचारा बना हुआ है। ईश्वर को बहरा न बताकर उन्होंने साफ कर दिया है कि लाउडस्पीकर रहने या न रहने से अधिक महत्वपूर्ण आपसी सौहार्द्र बने रहना है।
यूपी में लगातार चल रहा है अभियान
धार्मिक स्थलों पर जोर-जोर से बजने वाले लाउडस्पीकर के खिलाफ प्रदेश में बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। हाई कोर्ट के आदेश और सीएम योगी के निर्देश के तहत अब तक धार्मिक स्थलों पर लगाए गए 21,963 लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। वहीं, 42,332 लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कराई गई है। धार्मिक स्थलों को नए सिरे से लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया है। अखिलेश ने सरकार की ओर से चलने वाले अभियान पर तंज कसते हुए युवाओं को रोजगार देने की दिशा में काम करने पर जोर दिया है।