रायपुर। शहर में पेयजल के लिए मचे हाहाकार के बीच चौकाने वाली बात सामने आई है। नगर-निगम के मुताबिक, शहर में 175 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से रोजाना 260 एमएलडी (26 करोड़ लीटर) पानी की सप्लाई की जा रही है। निगम ने इसकी गणना 12 लाख की आबादी से की है। इधर, शहर में आबादी करीब 20 लाख हो चुकी है। ऐसे में राजधानी को प्रति व्यक्ति 175 लीटर के हिसाब से 350 एमएलडी (35 करोड़ लीटर) पानी की जरूरत है। मतलब हर दिन राजधानी को 9 करोड़ लीटर पानी कम मिल रहा है।
राजधानी के 5 लाख 14 हजार की आबादी को रोजाना पानी ही नहीं मिल रहा है। शहर की आबादी 20 लाख के करीब है, लेकिन पानी सप्लाई औसत 12 लाख की आबादी से क्यों की जा रही है के सवाल पर निगम अधिकारियों का कहना था कि पूर्व में 9.80 लाख की आबादी के मुताबिक पानी की सप्लाई का जा रही थी, लेकिन इसे बढ़ाकर बीते वर्ष 12 लाख की आबादी की गई है। 20 लाख आबादी के हिसाब-किताब निगम के पास नहीं है।
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260 एमएलडी सप्लाई कर रहे फिर भी समस्या
निगम प्रशासन की दो दिन पहले की समीक्षा बैठक में यह जानकारी सामने आई थी कि शहर को रोजाना 210 एमएलडी पानी यानि रोजाना 21 करोड़ लीटर की जरूरत है, लेकिन निगम 260 एमएलडी सप्लाई कर रहा है फिर भी शहर में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या हो रहा है। निगम अधिकारियों ने यह भी कहा कि पानी चोरी रोकना जरूरी है। लोग टूल्लू लगाकर भी पानी खींच रहे हैं।
निगम जल कार्य विभाग अध्यक्ष सतनाम सिंह पनाग ने कहा, 12 लाख की आबादी के हिसाब से शहर में रोजाना 260 एमएलडी सप्लाई कर रहे हैं। इसके बावजूद पानी की समस्या चिंताजनक है। कई लोग टूल्लू लगाकर पानी खींच रहे हैं। ऐसे लोगों को सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास नहीं है।
नगर-निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, निगम प्रशासन को पता ही नहीं है कि राजधानी में रोजाना कितनी पानी की जरूरत है। निगम के सारे दावे फेल हो चुके हैं। वार्डोे में पानी के लिए भारी संकट खड़ा हो चुका है। पानी समस्या को लेकर हम उग्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।