नई दिल्ली: विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। जनवरी में उसने अनुमान जताया था कि वित्त वर्ष 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी रहेगी लेकिन अब इसे घटाकर आठ फीसदी कर दिया गया है। विश्व बैंक का कहना है कि खपत मांग में सुस्त रिकवरी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ती अनिश्चितताओं के कारण भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कटौती की गई है।
लेकिन विश्व बैंक ने आर्थिक बदहाली से जूझ रहे श्रीलंका और पाकिस्तान के ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है। श्रीलंका अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो गया है और जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो गई है। इसके बावजूद विश्व बैंक ने 2022 के लिए उसके ग्रोथ अनुमान को 2.1 फीसदी से बढ़ाकर 2.4 फीसदी कर दिया है। इसी तरह जून में खत्म होने वाले मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान के ग्रोथ अनुमान को 3.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.3 फीसदी कर दिया गया है।
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दूसरी एजेंसियों का अनुमान
विश्व बैंक से पहले कई दूसरी एजेंसियां भी भारत के ग्रोथ अनुमान को घटा चुकी हैं। फिच (Fitch) ने पहले इसके 10.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था लेकिन अब इसे घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया गया है। मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने पहले भारत के लिए ग्रोथ अनुमान 8.4 फीसदी रखा था जिसे अब 7.9 फीसदी कर दिया गया है। सिटीग्रुप (Citigroup) और आरबीआई (RBI) ने भी वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान में कटौती की है। लेकिन एडीबी (ADB) और एसएंडपी (S&P) ने इस यथावत रखा है।
विश्व बैंक ने भारत सहित सभी पूरे दक्षिण एशियाई इलाके का जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाया है। उसका कहना है कि यूक्रेन संकट के कारण सप्लाई के मोर्चे पर आई दिक्कतें आई हैं और महंगाई लगातार बढ़ रही है। इस कारण दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक ग्रोथ पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उसने पूरे दक्षिण एशिया इलाके का जीडीपी ग्रोथ इस दौरान 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है जबकि पहले इसके 7.6% रहने की बात कही गई थी।