कीव। 52 दिनों में युद्ध न जीत पाने और भारी नुकसान होने की बौखलाहट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में परमाणु बम के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं। यह बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कही है। जेलेंस्की ने कहा, यह बात केवल वह नहीं बल्कि पूरी दुनिया कह रही है। यह पुष्ट सूचना नहीं है लेकिन सत्य है। हमें इस खतरे से डरना नहीं है बल्कि उससे निपटने के लिए तैयार रहना है। यह अकेले यूक्रेन का मसला नहीं है बल्कि पूरी दुनिया को इस पर ध्यान देना है।
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जेलेंस्की ने परमाणु हमले से पैदा होने वाले विकिरण से बचाव के लिए आवश्यक बंदोबस्त करने और दवाओं का इंतजाम करने के लिए कहा है। जेलेंस्की से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के निदेशक विलियम बर्न्स यूक्रेन पर परमाणु हमले का खतरा जता चुके हैं। जेलेंस्की ने रूसी हमले से यूक्रेन के आधारभूत ढांचे को हुए भारी नुकसान और अर्थव्यवस्था के नुकसान के मद्देनजर दुनिया के संपन्न देशों के संगठन जी 7 से 50 अरब डालर (करीब 3,75,000 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता मांगी है।
इस बीच रूसी सेना ने कीव और इससे सटे इलाकों में हमले तेज कर दिए हैं। समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नए सिरे से किए जा रही रूसी हमलों के बावजूद पूरा देश खतरे में है। सनद रहे कि काला सागर में अपने युद्धपोत के नष्ट किए जाने से बौखलाए रूस ने कीव पर नए सिरे से हमले करने की चेतावनी दी थी। रूसी अधिकारियों का कहना है कि वे सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं जबकि यूक्रेन के लोगों ने इसे गलत बताया है। वहीं यूक्रेन में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
हाल ही में अधिकारियों ने कीव के बाहरी कस्बों में 900 से अधिक नागरिकों की लाशें मिलने की बात कही थी। रूस ने मारिपोल में कब्जे का दावा किया है। रूस ने आर्कटिक में नाटो बलों की बढ़ती गतिविधि के बारे में चिंता जताई है। रूस का कहना है कि इस क्षेत्र में होने वाली ऐसी गतिविधियों को हम गंभीरता से लेते हैं। वहीं जेलेंस्की का कहना है कि रूसी सेनाओं की ओर से मारिपोल में हमले युद्ध को खत्म करने करने की कोशिशों पर पानी फेर सकते हैं।